दो दिवसीय पशु रोग प्रबंधन प्रशिक्षण का हुआ समापन

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न्यूज़ एक्सपर्ट—

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आज समापन हुआ। जिसमें किसानों को खुरपका, मुंहपका रोग के विषय में बताया गया। केंद्र के पशु पालन वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने किसानों को बताया कि पशुओं में खुरपका, मुंहपका रोग विषाणु जनित रोग है जिसका प्रभाव गौ वंसीय पशुओं में ज्यादा होता है इस रोग से प्रभावित पशु के लिए मुँह से अत्यधिक लार का टपकना (रस्सी जैसा)जीभ तथा तलवे पर छालों का उभरना जो बाद में फट कर घाव में बदल जाते हैं। जीभ की सतह का निकल कर बाहर आ जाना एवं थूथनों पर छालों का उभरना। खुरों के बीच में घाव होना जिसकी वजह से पशु का लंगड़ा कर चलना या चलना बंद कर देता है इसके प्रमुख लक्षण है इस रोग का विशेष उपचार नहीं है फिरभी इनकी उचित देखभाल जिसके अंतर्गत लक्षणों के आधार पर उपचार एंटीबायोटिक, दर्द बुखार रोकने की दवाएं (अनालजेसिक) तथा मुंह के व खुरो के छाले इत्यादि की एंटीबायोटिक घोल से धुलाई, नरम व सुपाच्य भोजन की आपूर्ति व रोगी पशुओं एक जगह रखना इत्यादि किया जा सकता है/ इस रोग के प्रभावी रोकथाम के लिए खुरपका मुहपका की पलिवेलेंट वैक्सीन द्वारा टीकाकरण ही उचित उपाय है डाक्टर कांत ने बताया की इस रोग का टीका प्रति वर्ष 6 महीने के अंतराल पर मुख्यरूप से जनवरी से फरवरी व जुलाई से अगस्त में अवश्य लगवाना चाहिए जिससे इस रोग से अपने पशुओं को बचाया जा सके। इस अवसर पर मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान, उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह,कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉक्टर राजेश राय तथा श्री भगवान पाल, गौरव शुक्ला एवं शुभम यादव का कार्यक्रम सफल बनाने की विशेष सहयोग रहा।

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