सीएसए द्वारा विकसित फूल गोभी के जैविक खेती की तकनीक का हुआ अनुमोदन

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न्यूज़ एक्सपर्ट—

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के सब्जी विज्ञान विभाग द्वारा फूलगोभी की टिकाऊ पैदावार के लिए जैविक खाद के प्रयोग का समय एवं मात्रा पर विकसित तकनीक का अनुमोदन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा अखिल भारतीय सब्जी समन्वित अनुसंधान परियोजना की पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना पर दिनांक 3 से 5 मार्च 2025 को आयोजित 43वीं वार्षिक वैज्ञानिक समूह बैठक में किया गया। तकनीक विकसित करने वाले वैज्ञानिक डॉ राजीव द्वारा बताया गया कि वर्ष 2021 से फूलगोभी की जैविक खेती के विभिन्न मॉड्यूल्स पर शोध किया जा रहा था तथा लगातार चार वर्षो के शोध के परिणामों के आधार पर यह पाया गया कि फूलगोभी की जैविक खेती के लिए 100 प्रतिशत नाइट्रोजन के समतुल्य गोबर की खाद को रोपाई के 10 दिन पहले अथवा 75 प्रतिशत नाइट्रोजन के समतुल्य गोबर की खाद को रोपाई के 10 दिन पहले व 25 प्रतिशत नाइट्रोजन के समतुल्य वर्मी कंपोस्ट को रोपाई के एक दिन पहले प्रयोग करने से 249 से 253 कुंतल प्रति हेक्टेयर की पैदावार प्राप्त हुई तथा आर्थिक विश्लेषण से यह पाया गया कि एक रुपया लगाकर 4.68 से 4.93 रुपया तक प्राप्त किया जा सकता है। डॉ राजीव द्वारा बताया गया कि फूलगोभी की जैविक खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए सही समय पर एवं उचित मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति करना नितांत आवश्यक है ताकि पौधों का विकास बाधित न हो। उन्होंने कहा कि विकसित तकनीक का किसान प्रयोग कर फूलगोभी की जैविक खेती कर सकेंगे तथा सब्जियों में रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से बचा जा सकेगा। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉक्टर खलील खान ने बताया कि कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई तथा डॉ राजीव को शुभकामनाएं दी।

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