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कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत चयनित ग्राम खलकपुर में आयोजित दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का समापन हुआ। जिसके अंतर्गत किसानों को केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने बताया कि ठंड के मौसम में अगर पशुओं के खान-पान एवं प्रबंधन पर ध्यान न दिया जाए तो नवजातों की मृत्यु दर बढ़ जाती है। क्योंकि सर्दी के मौसम में अंदर एवं बाहर के तापमान में काफी अंतर होता है, ऐसी स्थिति में ठंड के मौसम में अन्य मौसम की अपेक्षा पशु की संपूर्ण आहार की आवश्यकता का 20% अधिक दाना देना चाहिएl जनवरी के मौसम में काफी ठंड पड़ती है लेकिन फरवरी के महीने तक सावधान रहना पड़ता है। फरवरी के मौसम तक पशुओं को अच्छी मात्रा में पौष्टिक आहार खिलाना चाहिए। जिसमें सभी पौष्टिक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, जल , खनिज लवण एवं विटामिन उचित मात्रा में होना चाहिए।डॉo कांत ने बताया कि यह सभी पोषक तत्व हरे चारे जैसे- जाड़े में बरसीम, लूसर्न , जई में पाए जाते हैं। प्रोटीन एवं वसा की पूर्ति के लिए लगभग सभी प्रकार की खलिया तथा अनाज के दाने को पशु आहार में प्रयोग करना चाहिए। विटामिन तो हरे चारे से मिल जाती है लेकिन खनिज के लिए खड़िया गेहूं का चोकर या बाजार का प्रयोग करना चाहिएl डॉक्टर कांत ने बताया कि सर्दियों में नवजात बच्चों को बहुत देखभाल की आवश्यकता होती है। अगर इसमें लापरवाही बढ़ती गई तो डायरिया एवं निमोनिया का संक्रमण नवजात में बहुत तेजी से फैलता है।जिससे बच्चों की मृत्यु संभावित है। ऐसी स्थिति में बच्चों के सुबह-शाम बोरी से ढक कर रखना चाहिए डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने कृषक महिलाओं को बताया कि इस समय पर्याप्त मात्रा में बथुआ मौजूद है जिनका सेवन करने से महिलाओं में रक्त अल्पता की कमी को दूर किया जा सकता है।डॉ. राजेश राय ने बताया कि किसान भाई अपने पशुओं को स्वच्छ एवं ताजा पानी भरपूर मात्रा में पिलाए जिससे पशुओं में पानी की कमी न होने पाए। इस मौके पर गांव के प्रधान श्री देवी प्रसाद सहित अन्य किसान मौजूद रहे।