दुर्घटनाओं से बचाव हेतु जनपद के समस्त नागरिकों के सुरक्षा एवं बचाव हेतु दिशा-निर्देश जारी

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न्यूज़ एक्सपर्ट—

कानपुर देहात। जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देशन में प्रभारी अधिकारी (दै०आ०) जितेन्द्र कटियार ने बताया कि ठण्ड/शीतलहर की शुरुवात हो चुकी है, थोडी सी चुक के कारण लोग अपनी जान गवां देते है जो संबंधित परिवार के लिये त्रासदी है। इन बहुमूल्य जिन्दगियों को ठण्ड/शीतलहर के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव हेतु जनपद कानपुर देहात के समस्त नागरिकों के सुरक्षा एवं बचाव हेतु निम्नवत् दिशा-निर्देश जारी किये जाते हैं।

*”क्या करें और क्या न करें”*

*क्या करें-*
बुजुर्गों एवं बच्चों का विशेष ख्याल रखें तथा अकेले रहने वाले पड़ोसियों विशेष रूप से बुजुर्गों का हालचाल लेते रहे।
शरीर में गर्माहट बनाये रखने हेतु गर्म पेय पदार्थों एवं पौष्टिक आहार का सेवन करें। जितना हो सके घर में रहें और ठंडी हवा के सम्पर्क में आने से बचे व यात्रा कम से कम करें। खुद को सुरक्षित रखने हेतु गर्म कपडों जैसे स्वेटर, जैकेट, टोपी, मफ्लर आदि का प्रयोग करें।
शरीर के अंगों के सुन्न, पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। अपने वाहनों में सफेद लाईट के जगह पीले फॉग लाईट का प्रयोग करें। वाहन स्वामी अपने वाहनों पर पीला / लाल रेडीयम स्टीकर का प्रयोग करें, जिससे धुंध / कोहरा में दूर से वाहन का पता लग सके एवं दुर्घटना से बचा जा सके। शीतलहरी में यात्रा करने पर अपने शरीर को गर्म कपडों से ढ़क कर रखें तथा गर्म पानी का बॉटल अवश्य रखें। शीतलहरी के दौरान पशुओं के रहने वाले स्थान को चारो तरफ से ढककर रखें एवं बैठने वाले स्थान पर पुवाल रखें तथा पशुओं को ढककर रखें। पशुओं को गर्म स्थान पर रखें, उन्हें ठंड लगने पर पशु चिकित्सक की सलाह लें।
ठंड प्रतिरोधी पौधों / फसलों की खेती करें।

*क्या न करें-*

शरीर की कपकपाहट को नजरअंदाज न करें।
बंद कमरे में कोयले की अंगीठी/ चूल्हा / हीटर आदि का प्रयोग न करें। शीतलहरी के दौरान तेज रफ्तार से वाहन न चलायें। ठंड के दौरान रात के समय खेतों, तालाबों/झीलों व नदियों में न जाएँ। ठंड/शीतलहरी के दौरान पानी लगे खेतों में ज्यादा समय न रहें। पशुओं को खुले में न छोड़ें। पशुओं को ठंडा चारा व ठंडा पानी न दें।

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