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कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर कानपुर द्वारा आज फसल अवशेष परियोजना अंतर्गत स्कूल स्तरीय विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम श्री बजरंग उच्चतर माध्यमिक कॉलेज भेवान कानपुर में आयोजित किया गया। जिसमें 150 से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान के निर्देशन में संपन्न हुआ। जिसमें डॉ खान द्वारा बताया गया कि किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है साथ ही साथ मृदा में पोषक तत्वों का नुकसान होता है।उन्होंने छात्र-छात्राओं को जागरूक करते हुए बताया कि पराली को खेत में मिला देने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ खलील खान ने बताया कि खेत के अंदर जीवांश की मात्रा कम होने के कारण सब्जियों,फलों एवं अन्य फसलों में स्वाद व गुणवत्ता की बहुत कमी आ जाती है। जो कि फसल अवशेषों की खाद को मृदा में मिलाने से बढ़ाई जा सकती है। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ शशिकांत द्वारा बताया गया कि पशुओं द्वारा गोबर की खाद को मिलाने व फसल अवशेषों को मिलाने से मृदा में जीवांश क्षमता बढ़ती है। डॉक्टर कांत ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि आप अपने माता पिता को फसल अवशेष में आग लगाने से रोके। शुभम् यादव एवं डॉ गौरव शुक्ला ने भी छात्र छात्राओं को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जागरूक किया ।इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर निबंध लेखन,चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंधक श्री नीरज कुमार ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। साथ ही छात्र छात्राओं से कहा कि अपने अभिभावकों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी अवश्य दें। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक जतिन,अवधेश, आदित्य कुमार सहित सहित अन्य विद्यालय स्टाफ एवं कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
