राज्य स्तरीय शोध सलाहकार समिति ने गेहूं की चार व मटर की एक प्रजाति को विमोचन हेतु किया संस्तुति

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न्यूज़ एक्सपर्ट—

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के गेहूं/जौ अभिजनक एवं निदेशक बीज तथा प्रक्षेत्र डॉक्टर विजय कुमार यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय शोध सलाहकार समिति जो उत्तर प्रदेश के निदेशक कृषि डॉक्टर जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई।उसमें विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेहूं की चार व मटर की एक प्रजाति को विमोचन हेतु संस्तुति कर दिया है। उन्होंने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा गेहूं की एक साथ चार प्रजातियों को बीज विमोचन हेतु समिति द्वारा अनुमोदित करना एक निश्चित तौर पर विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि गेहूं की प्रजाति के 1905 लवण एवं क्षारीय मृदाओं में औसत उत्पादन 40.55 कुंतल प्रति हेक्टेयर है। यह प्रजाति सभी रोगों के प्रति सहिष्णु है तथा यह 120 से 123 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। जबकि के 1910 इसका लवण एवं क्षारीय भूमियों में औसत उत्पादन 40.06 कुंतल प्रति हेक्टेयर है। यह 125 से 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। उन्होंने बताया कि के 2001 लवण एवं क्षारीय भूमियों में औसत उत्पादन 39. 99 कुंतल प्रति हेक्टेयर देती है यह 130 से 135 दिन में पककर तैयार हो जाती है। जबकि के 2010 लवण एवं क्षारीय भूमियों में 39.21 कुंतल प्रति हेक्टेयर उपज देती है यह 130 135 दिन में पककर तैयार हो जाती है।इन प्रजातियों को विकसित करने वाली टीम डॉक्टर सोमवीर सिंह, डॉक्टर विजय कुमार यादव, डॉक्टर पी के गुप्ता, डॉक्टर पी के सिंह, डॉक्टर जावेद बाहर, डा.चारुल कंचन के साथ तकनीकी सहायक ज्योत्सना,पंकज कुमार एवं दिनेश कुमार आदि का महत्वपूर्ण सहयोग रहा है।विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉक्टर खलील ख़ान ने बताया कि कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने प्रदेश स्तर पर गेहूं की चार प्रजातियों की संस्तुति पर हर्ष व्यक्ति करते हुए टीम को उनके उज्जवल भविष्य हेतु बधाइयां दी हैं।

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