पर्यावरणीय प्रभाव और टिकाऊ खेती हेतु निकरा परियोजना अंतर्गत हुआ आंवला वृक्षारोपण

ias coaching , upsc coaching

न्यूज़ एक्सपर्ट—

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित दिलीपनगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा निकरा परियोजना अंतर्गत टिकाऊ खेती हेतु एवं पर्यावरणीय दुष्प्रभावों को कम करने के लिए आंवला वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने बताया कि आंवला की खेती पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ है क्योंकि इसमें न्यूनतम लागत की आवश्यकता होती है।उन्होंने कहा कि आंवला का पेड़ मिट्टी की उर्वरता और संरचना को बेहतर बनाने और कटाव को रोकने तथा जल संसाधनों को संरक्षित करने में मदद करते हैं। साथ ही जैव विविधता को भी संरक्षण प्रदान करते हैं।इस अवसर पर उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने कहा कि आंवला की खेती किसानों,व्यापारियों और निर्यातकों के लिए आय का स्रोत है जो ग्रामीण आजीविका में योगदान देती है। उन्होंने कहा कि आंवला से मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और विपणन के अवसर पैदा हुए हैं।वहीं वरिष्ठ गृह वैज्ञानिक डॉक्टर मिथिलेश वर्मा ने कहा है कि आंवला की खेती कर फलों का अचार, जैम,जूस जैसी विभिन्न उत्पाद बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। जो स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी है। इस अवसर पर गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने भी कृषकों को संबोधित किया। प्रगतिशील कृषक मुखलाल, चरण सिंह, चुन्ना सिंह एवं अशोक सहित दो दर्जन से अधिक किसान उपस्थित रहे।

Leave a Comment

× How can I help you?