निक्रा परियोजना अंतर्गत पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन 

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न्यूज़ एक्सपर्ट—

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर पर निक्रा परियोजना अंतर्गत “ऊसर भूमि सुधार एवं जलवायु अनुकूल फसलों की विभिन्न प्रजातियां” विषय पर पांच दिवसीय (19 से 23 जुलाई 2024) कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हुआ। इस अवसर पर केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने कृषकों को जलवायु अनुकूल विभिन्न फसलों की प्रजातियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया की ऊसर सहनशील धान की प्रजातियां सीएसआर 46, सीएसआर 36, सीएसआर 30 एवं सीएसआर 52 प्रमुख हैं। उन्होंने अन्य फसलों की जलवायु अनुकूल प्रजातियों के चयन के साथ ही पौधारोपण,जल संरक्षण के साथ ही मृदा सुधार पर विशेष बल दिया।वरिष्ठ गृह वैज्ञानिक डॉक्टर मिथिलेश वर्मा ने बताया कि कृषक भाई ऊसर सहनशील विभिन्न फसलों की प्रजातियां को अवश्य बोएं जिससे उन्हें ऊसर भूमियों में भी उत्पादन एवं उत्पादकता अधिक प्राप्त हो। उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने ऊसर भूमियों में बागवानी के हेतु कृषकों को गुर सिखाए।डॉक्टर सिंह ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि ऊसर भूमियों में फलदार पेड़ जैसे जामुन, बेल, अमरूद, आंवला, लसोड़ा, शहतूत, नींबू ,करौंदा आदि की बागवानी करें। जबकि छायादार पौधे हेतु सहजन, नीम, करंज, महुआ आदि की बागवानी कर अधिक लाभ अर्जित करें। कार्यक्रम को शुभम यादव ने विशेष सहयोग प्रदान कर सफ़ल बनाया।कृषक प्रशिक्षण में प्रगतिशील किसान श्री चरन सिंह, श्री लाल सिंह, अमर दीप एवं रविशंकर सहित 25 से अधिक किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

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