मिट्टी जांच एवं मिट्टी नमूना लेने के लिए मई का महीना सर्वोत्तम: डॉ खलील खान मृदा वैज्ञानिक

ias coaching , upsc coaching

न्यूज़ एक्सपर्ट—

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह के निर्देश के क्रम में आज कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने किसान भाइयों को सलाह दी है कि मृदा जांच के लिए मई का महीना सर्वोत्तम होता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान भाई को अपने खेतों से मिट्टी का नमूना लेकर परीक्षण अवश्य कराना चाहिए।डॉ खान ने मृदा नमूना लेने की विधि के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी खेत में 5 जगहों से 15 सेंटीमीटर गहराई से मिट्टी का नमूना लिया जाता है। सर्वप्रथम किसान भाइयों को V(वी) आकार का गड्ढा खोदकर नमूना लेना चाहिए। खेत के पांचों जगहों से नमूना एकत्रित करने के बाद सभी को मिलाकर समग्र (कंपोजिट) नमूना बना लेते हैं। अब इस नमूने से आधा किलो मिट्टी लेकर कपड़े की थैली में भरकर उसी में एक पर्ची पर किसान का नाम, पता एवं खसरा संख्या सहित आगे बोई जाने वाली फसल के बारे में जानकारी लिख देते हैं।तत्पश्चात मिट्टी के नमूने को मृदा परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजकर मिट्टी का परीक्षण करा लेते हैं। मृदा परीक्षण उपरांत किसान भाइयों को उर्वरक संस्तुति पत्र( मृदा स्वास्थ्य कार्ड) प्राप्त हो जाता है। जिसके आधार पर किसान भाई अपनी फसलों में उर्वरक प्रयोग करते हैं । मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने बताया कि मृदा की जांच का मुख्य उद्देश मिट्टी की उर्वरता नापना तथा यह पता करना कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्वों की कमी है। मृदा वैज्ञानिक ने बताया कि मृदा परीक्षण कराने से मृदा में उपस्थित पोषक तत्वों का सही से निर्धारण हो जाता है। जिससे संतुलित उर्वरक प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन मिलता है।डॉक्टर खान ने बताया कि प्रायः मिट्टी के भौतिक और रासायनिक गुणों के आधार पर ही फसलों का चयन करना अधिक श्रेयकर रहता है क्योंकि सभी मिट्टी सभी फसल उगाने के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं मिट्टी की जांच से स्पष्ट निर्देश मिल जाता है कि विशेष खेत में कौन सी फसल उगाई जानी चाहिए। सभी फसलों के उचित बढ़वार उत्पादन हेतु पीएच मान 6.50 से 7.50 सबसे उपयुक्त होता है।

Leave a Comment

× How can I help you?