कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथ जी एवं चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने पर सीएसए में खुशी की लहर

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न्यूज़ एक्सपर्ट—

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन एवं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न मिलने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने बताया कि स्वामीनाथ जी को हरित क्रांति में उनके महत्वपूर्ण भूमिका के लिए व्यापक रूप से पहचाना गया जो भारतीय कृषि में परिवर्तनकारी चरण था। जिससे फसल उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और राष्ट्र के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई। डॉ सिंह ने बताया कि अधिक उपज देने वाली गेहूं व चावल की किस्मो को विकसित करने में स्वामीनाथ जी के अभूतपूर्व कार्य ने 1960 एवं 1970 के दशक के दौरान कृषि में क्रांति ला दी।इस परिवर्तन से देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया। इस अवसर पर कुलपति ने बताया कि किसानों के कल्याण हेतु कृषि उपज के लिए उचित मूल्य और कृषि पद्धतियों पर जोर दिया। उन्होंने सतत कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने हेतु वर्ष 1988 में एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की भी स्थापना की। कुलपति डॉक्टर सिंह ने बताया कि डॉक्टर स्वामीनाथन केवल एक वैज्ञानिक नहीं थे। वे कुशल नेतृत्वकर्ता थे जिन्होंने कृषक समुदाय के कल्याण की अथक वकालत की। किसान आयोग के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सरकार को राष्ट्रीय किसान कल्याण नीति लाने के लिए राजी किया। और किसानों को खेती की लागत पर 50 फ़ीसदी मुनाफा देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान करने की सिफारिश की। इससे उन्हें पूरे कृषक समुदाय का सम्मान और आभार प्राप्त हुआ। उनके योगदान को देखते हुए वे पहले भारतीय थे जो अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान फिलीपींस के महानिदेशक बने।भारत सरकार के इस फैसले से विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों/ शिक्षकों /अधिकारियों /छात्रों में खुशी का माहौल प्राप्त है। विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय स्थित स्वामीनाथन अतिथि गृह पर मिठाई वितरित हुई। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉक्टर खलील खान ने बताया कि स्वामीनाथ जी को विश्वविद्यालय में प्रथम दीक्षांत समारोह 02 मई 1982 में मानद उपाधि से विभूषित किया गया। जबकि 11 फरवरी 1989 को तीसरे दीक्षांत समारोह में वे मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। उनका विश्वविद्यालय के शोध/शिक्षण एवं प्रसार गतिविधियों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय योगदान है। इस अवसर पर निदेशक शोध डॉ पीके सिंह, निदेशक प्रसार डॉक्टर आरके यादव, अधिष्ठाता कृषि संकाय डा सी एल मौर्य, कुल सचिव डॉ पीके उपाध्याय एवं सह निदेशक प्रसार डॉक्टर पीके राठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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