दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

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न्यूज़ एक्सपर्ट—
कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के द्वारा पशु आहार बनाने के विषय पर दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण ग्राम भोला नवादा विकासखंड मैथा जनपद कानपुर में प्रारंभ हुआ। जिसमें पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने किसानों को स्थानीय खाद्य पदार्थों से संतुलित आहार बनाने की तकनीक के बारे में किसानों को बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे प्रदेश में सूखा चारा 253, हरा चारा 143 एवं दाना 23 मिलियन टन उपलब्ध है। जबकि सुखा चारा 416, हरा चारा 222 एवं दाना 53 मिलियन टन चारे की मांग है। इस प्रकार सुखा चारा में 40 प्रतिशत, हरे चारे में 36% एवं दाने में 57% की कमी है इस कमी को पूरा करने के लिए कम लागत में चारा उत्पादन करने एवं वर्षभर हरे चारे की उपलब्धता बनाए रखने के लिए पारंपरिक हरा चारा के साथ-साथ दुधारू पशुओं को दाना देना अति आवश्यक है।जिसके लिए किसानों के खेत में सभी तरह की फसले उगाई जाती है। जिसमें किसान कम लागत में अच्छा से अच्छा पशु आहार बना सकता है जिसमें किसान गेहूं का चोकर 40 भाग, जई /मक्का/जौ 30 भाग, दलहनी फसलों की चूरी 6 भाग, खली 21 भाग, नमक 1 किलो तथा मिनरल मिश्रण 2 किलो मिला कर यह पूरी मात्रा 100 किलो हो जाती है। इस प्रकार कम लागत में संतुलित पशु आहार तैयार हो जाता है। जिससे किसान भाई कम खर्च में अपने पशुओं को आसानी से यह राशन बनाकर खिला सकते हैं यह राशन बाजार से सस्ते एवं स्वास्थ्यवर्धक होंगे। वहीं केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने किसानों को बताया कि हमारे देश में दुधारू पशुओं की संख्या पर्याप्त है जिनका दूध उत्पादन इस वर्ष 221 मेट्रिक टन है जबकि हमारे प्रदेश का स्थान दूसरे नंबर पर आता है। जबकि देश पूरे विश्व में प्रथम स्थान पर पाया जाता है प्रसार वैज्ञानिक डॉक्टर राजेश राय ने किसानों को बताया कि हमारे देश में जब किसान के पास कुछ भी नहीं रहता, तो पशुपालन इसका मुख्य धंधा बन जाता है। केंद्र की गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने किसानों को बताया की खेत में कार्य करने वाले लोगो के लिए प्रतिदिन कम से कम 250 मिली लीटर दूध शाम के समय सोने से पूर्व सेवन कर चाहिए।

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