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कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर की गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने बताया कि कुपोषण एक गंभीर स्थिति है। कुपोषण तब होता है जब किसी व्यक्ति के आहार में पोषक तत्वों की सही मात्रा नहीं होती है। भोजन आपको स्वस्थ रखने के लिए ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करता है। भारत में पांच साल व इससे कम उम्र के बच्चों में कुपोषण एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। अनुमानित 5 वर्ष व कम उम्र करीब 1.6 करोड़ छोटे क़द वाले और 5 करोड़ कमज़ोर बच्चे हैं। स्थानीय उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग द्वारा कुपोषण को दूर किया जा सकता है। स्प्राउट्स यानी अंकुरित अनाज जैसे चना, दाल आदि का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। अंकुरित अनाज में विटामिन की भरपूर मात्रा होती है। प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स, फाइबर, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर स्प्राउट्स का सेवन न सिर्फ दिन भर की ऊर्जा प्रदान करता है बल्कि अपने पोषक तत्वों के कारण कुपोषण निवारण का भी साधन हो सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र कानपुर की गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने अंकुरित अनाजों का बच्चो के शरीरिक वृद्धि एवम स्वास्थ्य में प्रभाव विषय पर एक प्रक्षेत्र परीक्षण का आयोजन ग्राम रूदापुर व अनूपपुर में किया गया। कुल 12 बच्चो को अनाज अंकुरित वाला डब्बा व साबुत मूंग, चना एवम मूंगफली का वितरण कर प्रतिदिन अंकुरित दाले बच्चो को नाश्ते में लगातार 3 महीने तक खिलाने हेतु निर्देशित किया । वितरण के साथ ही बच्चो की लंबाई, वजन व स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। प्रति महीने स्वास्थ्य परीक्षण कर अंकुरित अनाजों का स्वास्थ्य व शरीरिक वृद्धि में प्रभाव का आंकलन किया जायेगा। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ राजेश राय, उद्यान वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमार सिंह के साथ वरिष्ठ शोध अध्येता शुभम यादव व रुदापुर, अनूपपुर की आंगनवाड़ी कार्यकत्री श्रीमती सीमा ब सुषमा आदि 25 महिलाएं मौजूद रही।
