बाल विवाह से सम्बन्धित कोई भी प्रकरण किसी भी व्यक्ति के संज्ञान में हो तो करायें शिकायत दर्ज

ias coaching , upsc coaching

न्यूज़ एक्सपर्ट—

कानपुर देहात। मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन0 के निर्देशानुसार जिला प्रोबेशन अधिकारी रेनू यादव ने सूचित किया हैं कि बाल विवाह देश की सामाजिक समस्या है जिससे बालकों/बालिकाओं के अधिकारों का न सिर्फ हनन होता है, बल्कि बालक/बालिकाओं के स्वास्थ्य शिक्षा एवं विकास के अवसर भी सीमित हो जाते है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम का उद्देश्य बाल विवाह को रोकना है, जहां दूल्हा या दुल्हन विवाह योग्य आयु (लड़कियों के मामल में 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष ) से कम है। बाल विवाह अधिनियम में बाल विवाह पर रोक लगाने, पीड़ित को राहत और सुरक्षा देने का प्रावधान है। यदि कोई बालक/बालिका का बाल-विवाह करेगा जिस पर बालक/बालिका की जिम्मेदारी है चाहे वह माता-पिता अथवा संरक्षक हों, या अन्य कोई व्यक्ति, कोई ऐसा कार्य करता है, जिससे बाल-विवाह को बढ़ावा या अनुमति मिले या वह ऐसे बाल-विवाह को रोकने में लापरवाही दिखाता है तथा बाल विवाह में उपस्थित रहता है और अपना सहयोग देता है, वह कठोर कारावास से (जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी) और जुर्माने से भी (एक लाख रुपये तक का हो सकेगा) दंडनीय होगा। इस अधिनियम के तहत अपराध संज्ञेय और गैर जमानती है। बाल विवाह से सम्बन्धित प्रकरणों के अनुश्रवण हेतु जनपद स्तर पर जिला टास्क फोर्स की कमेटी गठित है यदि बाल विवाह से सम्बन्धित कोई भी प्रकरण किसी भी व्यक्ति के संज्ञान में आता है तो वह टोल फ्री नं0-1098,181,112 एवं मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय कन्ट्रोल रूम के मोबाइल नं0-7318362005 तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय के सी0यू0जी0 नं0-7518024058 पर शिकायत दर्ज करा सकते है।

Leave a Comment

× How can I help you?