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कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीपनगर एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिकी संसाधन ब्यूरो लखनऊ के संयुक्त समन्वय से अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत 55 महिलाओं को शोभकारी मछली पालन व एक्वेरियम बनाने का प्रशिक्षण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिकी संसाधन ब्यूरो लखनऊ द्वारा कानपुर देहात की 50 अनुसूचित महिलाओं को दी गयी। कार्यक्रम में मत्स्य अनुवांशिकी संसाधन ब्यूरो लखनऊ की डॉ पूनम सिंह नोडल ऑफिसर अनुसूचित जाति उपयोजना द्वारा प्रशिक्षण देते हुए बताया कि महिलाएं मिनी एक्वेरियम बना कर पांच छै सौ रुपए में बेच कर 400 रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त कर सकती हैं। डॉ सिंह ने बताया कि महिलाएं अगर यह काम चालू करती हैं तो एक साल तक वह पूर्ण रूप से सारे इनपुट देंगी और महिलाओं के एक्वेरियम व मछली बाई बैक करेंगी। एक मछली एक सीसन में 90 बच्चे देती है। जबकि अगर तालाब में खाने वाली मछली पालते हैं तो लागत बहुत आती है और समय भी बहुत लगता है साथ ही रिस्क बहुत ज्यादा है जबकि एक 2x4x2 फीट के टैंक में शोभकारी मछली पाल कर और मिनी एक्वेरियम बना कर पांच- सात हजार मासिक आय आराम से अर्जित कर सकती हैं। कार्यक्रम में श्री इंद्रमणि एक्वावर्ड ने एक्वेरियम बनाना सिखाया। श्रीमती पूनम जिला उन्नाव ने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि उन्हे अभी यह प्रशिक्षण लिए मात्र एक माह हुआ है और उन्होंने 4-5 मिनी एक्वेरियम बेच भी लिए। डॉ निमिषा अवस्थी गृह वैज्ञानिक ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि समूह में अगर दो घंटे का समय निकाल कर अगर यह काम करती हैं तो काफी लाभ कमा सकती हैं । कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी ने महिलाओं से कहा की हम सब समन्वय स्थापित कर आपके लिए योजनाएं लाते हैं इनको सफल बनाने हेतु आपको कंधे से कंधे मिला कर चलना पड़ेगा। प्रशिक्षण का शत प्रतिशत व्यय मत्स्य अनुवांशिकी संसाधन ब्यूरो लखनऊ ने वहन किया। कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ राजेश राय, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ खलील खान, डॉ शशिकांत, शुभम यादव , गौरव शुक्ला, नीतू देवी, सोनी देवी,ग्राम फंदा नीतू नागर ग्राम औनहा, समेत 55 अनुसूचित जाति की महिलाओं ने प्रतिभाग किया।