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कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा पांच दिवसीय फसल अवशेष प्रबंधन योजना कृषक प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र देकर कार्यक्रम का समापन हुआ। समापन केंद्र के प्रभारी अधिकारी डा. अजय कुमार सिंह द्वारा किया गया। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को फसल अवशेष प्रबंधन संबंधित कृषि यंत्र एवं उत्तर प्रदेश तथा भारत सरकार द्वारा जो भी सुविधा दी जा रही है एवं कितने परसेंट की छूट है कैसे उसको ले सकते हैं, इसके बारे में विस्तृत रूप से पूरी जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेषों को जलाने से होने वाले दुष्परिणाम का मानव स्वास्थ्य मृदा स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है एवं कैसे बचा जा सके के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण में वैज्ञानिकों ने बताया कि फसल के अवशेषों का प्रयोग अपने आर्थिक समृद्धि के लिए कर सकते हैं। जैसे उसे विभिन्न तरह के उत्पाद बनाएं जा सकते हैं एवं फसल के अवशेषों पर मशरूम की गुणवत्ता युक्त खेती की जा सकती है। फसल के अवशेषों को खेतों में अति शीघ्र डीकंपोज करने हेतु बायोडिकंपोजर का प्रयोग और बायोडिकंपोजर को कैसे तैयार किया जा सकता है के बारे में बताया गया। उप कृषि निदेशक राम वचन राम , जिला कृषि अधिकारी डा उमेश कुमार गुप्ता, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. अरुण कुमार सिंह, डा. राजेश राय, डा.शशिकांत, डा. निमिषा अवस्थी आदि ने पांच दिवसीय प्रशिक्षण में फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर किसानों को प्रशिक्षण दिया। गौरव शुक्ला तथा शुभम यादव का विशेष योगदान रहा।
