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कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डा.आनंद कुमार सिंह द्वारा जारी निर्देश के क्रम में विश्वविद्यालय के अधीन संचालित बंजारा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर संजय कुमार ने गर्मी की मौसम में सब्जी फसलों के बचाव हेतु एडवाइजरी जारी की है उन्होंने बताया कि प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में सब्जी उत्पादन का विशेष महत्व है क्योंकि सब्जियों की खेती प्रति इकाई क्षेत्रफल में अधिक उत्पादन एवं आय के साथ-साथ रोजगार सृजन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है। परंतु इस माह में भीषण गर्मी के चलते किसान भाइयों को सब्जियों की खेती में क्षति हो सकती है जैसे :
1. सनबर्न नैक्रोसिस(फल के धूप वाले हिस्से पर छिलका के ऊतक का मर जाना व कोशिका झिल्ली का विच्छेदन हो जाना): – यह दशा उच्च तापमान साफ आसमान व उच्च प्रकाश वितरण वाले दिनों में अधिक होती है इससे तरबूज, खरबूज, टमाटर, बैंगन, मिर्च, खीरा, तरोई, कद्दू व शिमला मिर्च की फसलें प्रभावित हो सकती हैं।
2. सन बर्न ब्राउनिंग:- इसमें ऊतक का मृत्यु का कारण नहीं होता। परिणाम स्वरुप फल के धूप वाले हिस्से पर पीले कांच या भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं परन्तु कोशिकाएं जीवित रहती हैं। लेकिन क्लोरोफिल कैरोटीन जंतु फूल जैसे वर्णन नष्ट हो जाते हैं। यह दशा ज्यादातर तरबूज या खरबूजा की फसल में देखने को मिलती है
3. फोटो ऑक्सीडेटिव सनबर्न:- जब छायादार फल अचानक सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आ जाते हैं तो इस प्रकार के सनबर्न में अतिरिक्त प्रकाश से फल से फोटो ब्लीच हो जाएंगे क्योंकि फल उच्च प्रकाश स्तरों के अनुकूल नहीं होते। यह दशा कभी-कभी ग्रीन हाउस में उत्पादित सब्जियों में देखने को मिलती है।
4. उपरोक्त के अतिरिक्त सब्जियों में फलों का पीला पड़ना , फलों का मर जाना , फलों की वृद्धि का रुक जाना, फल सड़न , पौध गलन , समय से फलों का पके जैसा लगना , फल फटना, पुष्पों का न विकसित होना, फलों की वृद्धि रुक जाना इत्यादि लक्षण उच्च तापमान व हीट वेब के कारण सब्जियों पर हो सकते हैं।
देखभाल एवं बचाव:-
1. नमी को बनाए रखने के लिए सब्जियों के फ़सल में शाम को हल्की सिंचाई करें ।
2. फलों को पत्तों से ढककर रखें।
3. सबसे ज्यादा नुकसान टमाटर की फसल को हो सकता है जिसके बचाव हेतु टमाटर की पौध को स्टेकिंग या सहारा दें जिससे फल का संपर्क जमीन से न रहे व सूर्य की विकिरण को कम करने के लिए अस्थाई छप्पर या जाली का उपयोग करें।
4. कद्दू वर्गीय सब्जियों में सुबह के समय 5 से 7 बजे के बीच कोई दवा का छिड़काव न करें यदि दवा का छिड़काव करना है तो शाम को करें।
5. फल सडन, पौध सडन व जड़ गलन आदि के बचाव के लिए 2 ग्राम कापर ऑक्सिक्लोराइड प्रति लीटर पानी में मिलाकर शाम को छिड़काव करें।
6. जल में घुलनशील पोषक तत्वों का सिंचाई के पानी के साथ शाम के समय उपयोग करें।