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कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा किसानों को अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत पोषण वाटिका हेतु ग्रो बैग वितरित किए गए। इस अवसर पर गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने बताया कि पोषण वाटिका या रसोईघर बाग या फिर गृह वाटिका, उस वाटिका को कहा जाता है, जो आंगन में ऐसी खुली जगह पर होती है जहां पारिवारिक श्रम से परिवार के इस्तेमाल के लिए विभिन्न मौसमों में मौसमी फल तथा विभिन्न सब्जियां उगाई जाती हैं।भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के द्वारा मनुष्य शरीर के लिए सब्जियों की दैनिक मात्रा 300 ग्राम/व्यक्ति निर्धारित की गई है। जिसमें 125 ग्राम हरे पत्तेदार, 100 ग्राम कंदीय एवं 75 ग्राम अन्य सब्जियाँ शामिल है । वर्तमान में भारत में प्रति व्यक्ति द्वारा 145 ग्राम सब्जी को ही खाया जा रहा है। जिसका मुख्य कारण मंहगाई, बाजार से दूरी एवं जागरूकता की कमी हैं। इसी क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र, दलीप नगर, कानपुर देहात द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत ग्राम औरंगाबाद, विकास खंड मैथा में जिन अनुसूचित जाति के कृषकों के पास गृह वाटिका लगाने हेतु जमीन नही है उन्हे डॉ निमिषा अवस्थी ने 15 कृषको को ग्रो-बैग वितरित किये ताकि वे अपने छत पर टेरेस गार्डेन विकसित कर अपने घर में सब्जी उगा कर सेवन करें जिससे की पोषक तत्वों की पूर्ति हो । कार्यक्रम में केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉ अरुण सिंह पशुपालन वैज्ञानिक डॉ शशिकांत के साथ वरिष्ठ शोध अध्येता शुभम यादव, गौरव शुक्ला आदि मौजूद रहे।