सीएसए एवं बायर क्रॉप साइंस के संयुक्त तत्वाधान में हुआ वैज्ञानिक आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन

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न्यूज़ एक्सपर्ट—
कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर एवं बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में वैज्ञानिक आउट रीच कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसका विषय नवीनतम तकनीकों का डिजिटलीकरण, स्वचालित मशीनें, यूएवी, यूजीवी, रोबोट का प्रयोग कर उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाना था। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड के विषय विशेषज्ञ श्री संजय कुमार, डॉ आर पी शर्मा एवं डॉक्टर अक्षिता बर्थवाल के साथ साथ विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं लगभग 255 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कुलपति ने अपने उद्बोधन में बताया कि 137 करोड जनता का पेट भरने के लिए सीमित भूमि एवं प्राकृतिक संसाधनों को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने के लिए डिजिटल एग्रीकल्चर की तरफ अग्रसर होना ही पड़ेगा। दूसरा कोई विकल्प नहीं। चूकिं भारत में 86% जोत एक हेक्टेयर से भी कम है अतः विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिकों को भारत की जोत के अनुसार तकनीकों तथा मशीनों का विकास करना होगा। विदेशों में बड़े-बड़े फार्म होते हैं जहां पर इस प्रकार की तकनीकों के इस्तेमाल में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं आती है परंतु भारत में जोत कम होने के कारण ऐसे तकनीकों को आवश्यकतानुसार परिष्कृत कर ही किसानों को कम दाम में मुहैया कराने पर यहां की भी खेती फायदेमंद हो सकती है और कम समय में प्रति इकाई अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आहवान किया कि आने वाले समय में आवश्यकता के अनुसार मानव संसाधन तैयार करने होंगे। छात्र-छात्राओं को देश का भविष्य बताते हुए उन्होंने यह भी कहा कि कृषि की तरफ कृषि शिक्षा की तरफ रुझान बढ़ाना ही होगा तभी हम देश की 137 करोड़ जनता को पोषण युक्त भर पेट भोजन मुहैया करा सकते हैं। प्रोफ़ेसर सी एल मौर्य डीन एग्रीकल्चर ने समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए इस बात की पुरजोर वकालत की कि आज के मशीनी करण से आधुनिकीकरण से ऑटोमेशन से आने वाले समय में उत्पादन और उत्पादकता में आशातीत बढ़ोतरी होनी निश्चित है। वैज्ञानिकों द्वारा कृषि क्षेत्र में ऐसे ऐसे मशीनों का आविष्कार हो चुका है जिसके द्वारा क्षण भर में भूमि का तापमान, भूमि की क्षारीयता, भूमि में पोषक तत्वों का स्तर तथा उसका पीएच बहुत ही कम समय में पता चल जाता है जिससे किसान अपनी खेती किसानी अच्छी तरह से कर सकते हैं और आवश्यकतानुसार ही उर्वरक तथा कीटनाशी का प्रयोग कर अपनी उत्पादकता को बढ़ाने में सफल हो सकते हैं। बायर क्रॉप साइंस के विशेषज्ञों ने कृषि क्षेत्र में हो रहे नित नए परिवर्तनों से छात्र छात्राओं को अवगत कराया। इतना ही नहीं उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को उनके फार्म पर चल रहे तकनीकी फूड उत्पादन एवं प्रयोग को देखने के लिए तथा सीखने के लिए आमंत्रित किया। अंत में सभी प्रतिभागियों को डा रक्षिता ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रेषित किया कार्यक्रम का संचालन रुद्रांश शुक्ला आदि द्वारा किया गया कार्यक्रम में डॉ बलबीर सिंह, शक्ति सिंह, अंकित उपाध्याय, अंशु सिंह, रिशभ कुमार सिंह, अनुभव कुमार, कौशल कुमार, सर्वेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

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