मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विभागीय बैठक ली

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न्यूज़ एक्सपर्ट—

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय अंतरविभागीय बैठक में प्रदेश में संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष अप्रैल, जुलाई व अक्टूबर माह में संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अंतरविभागीय समन्वय के साथ प्रदेशव्यापी संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित होता है। आगामी 15 नवम्बर तक का समय संचारी रोगों की दृष्टि से संवेदनशील है। आगामी अक्टूबर माह से इसका नवीन चरण प्रारम्भ होना है। इसमें सरकारी प्रयास के साथ-साथ जनसहभागिता भी महत्वपूर्ण है। कहीं भी हॉटस्पॉट की स्थिति न बनने पाए। यदि कहीं भी ऐसी स्थिति हो तो वहां संबंधित नगर आयुक्त/अधिशाषी अधिकारी स्वयं पहुंच कर निरीक्षण करें। अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। जनपदों में नगर विकास विभाग, ग्राम्य विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग द्वारा मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु फॉगिंग एवं लार्वीसाइडल स्प्रे कराया जाए। सुबह सैनिटाइजेशन व शाम को फॉगिंग का कार्य भी निरंतरता के साथ कराया जाए। जलभराव का निस्तारण शीघ्र हो। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई हाईरिस्क क्षेत्रों की सूची में उल्लिखित समस्त क्षेत्रों में वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण एवं संवेदीकरण गतिविधियां संचालित की जाएं। सरकारी व निजी अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों में नए रोगियों की नियमित रूप से रिपोर्टिंग हो। प्रदेश के सभी पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों के लिए जिलाधिकारी द्वारा एक-एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। यह नोडल अधिकारी हर दिन सायंकाल अपने प्रभार के अस्पतालों का निरीक्षण कर व्यवस्था सुचारू बनाए रखें। पीएचसी, सीएचसी व अन्य अस्पतालों में तैनात पैरामेडिक्स नियमित रूप से अपनी सेवाएं जरूर दें। चिकित्सा व स्वास्थ्य व्यवस्था में अराजकता व अव्यवस्था फैलाने की कोशिश करने वालों से कठोरता से निपटा जाए। शिक्षा विभाग द्वारा जनपद के समस्त विद्यालयों में नोडल अध्यापकों के माध्यम से विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का संचारी रोगों के विषय में संवेदीकरण कराया जाए। संचारी रोगों से बचाव के उपाय जैसे पूरी आस्तीन की कमीज, फुल लेंथ की पैंट इत्यादि का प्रयोग, मच्छरों के प्रजनन के नियंत्रण एवं काटने से बचाव के उपायों के विषय में संवेदीकरण किया जाए। किसी क्षेत्र से बुखार प्रभावित छात्रों की सूचना प्राप्त होने पर स्थानीय फ्रंटलाइन वर्कर अथवा चिकित्सा अधिकारी को तत्काल जानकारी उपलब्ध कराई जाए। संचारी रोग नियंत्रण अभियान की सफलता के लिए अंतरविभागीय समन्वय महत्वपूर्ण आधार है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, नगर विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि विभाग, बेसिक शिक्षा परिषद व माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा अंतरविभागीय समन्वय के साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा का ठोस प्रयास किया जाए। रोगियों के आवागमन के लिए एम्बुलेंस की पर्याप्त उपलब्धता रहे। एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम न्यूनतम रखा जाए। कम्युनिटी हेल्थ सर्विसेज को त्वरित आउटब्रेक रिस्पॉन्स के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। त्वरित आउटब्रेक रिस्पॉन्स के लिए डिजीज सर्विलांस डाटा तंत्र का सुदृढ़ीकरण किया जाए।

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