धान फसल में सम सामयिक रोगों का करें प्रबंधन: डा. अजय कुमार सिंह

ias coaching , upsc coaching

न्यूज एक्सपर्ट—

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉक्टर आनन्द कुमार सिंह द्वारा जारी निर्देश के क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर के प्रभारी एवं फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉक्टर अजय कुमार सिंह ने बताया कि इस समय के मौसम में धान की फसल में कई रोग आते हैं। जिनके कारण धान की फसल का उत्पादन प्रभावित होता है। डॉ सिंह ने बताया कि इस वातावरण के उतार-चढ़ाव के कारण धान की फसल में लीफ ब्लास्ट, कालर ब्लास्ट, नोड ब्लास्ट, नेक ब्लास्ट, शीत ब्लाइट एवं बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट जैसी गंभीर रोगों के आने की संभावना ज्यादा रहती है। उन्होंने बताया कि इन रोगों के आ जाने से पत्तियों, तनो, गांठों एवं धान के दानों में काला रंग पड़ जाता है जिससे पौधों का पूरा हरा भाग काला सा दिखने लगता है। अपितु धान में दाने भी नहीं बन पाते है। डॉ सिंह ने बताया कि इन रोगों के नियंत्रण के लिए किसान भाई इस वर्षा के समय नत्रजन धारी उर्वरकों का प्रयोग अधिक ना करें। तथा पोटेशियम उर्वरक की मात्रा सामान्य मात्रा से थोड़ा अधिक बढ़ाकर प्रयोग करें तथा घने पौधों को बाहर निकाल दें यदि रोग नियंत्रण में ना हो तो किसी भी कवकनाशी दवा जैसे कम्पैनियन मिक्चर या कंबोसेफ मिक्चर का 1.5 मिलीलीटर मात्रा 1 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर दें। रोग की अधिकता होने पर 8 से 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करते रहें डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि किसान भाई अपने धान की फसलों की निगरानी करते रहें जैसे ही फसल पर रोग के लक्षण दिखाई पड़े तुरंत दवा डालने की व्यवस्था करें जिस से धान की फसल से स्वस्थ व गुणवत्ता युक्त उत्पादन किया जा सके।
   

Leave a Comment

× How can I help you?