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राजपुर। राजपुर ब्लॉक के महमूदपुर गाँव में पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने से गाँव के 60 फीसदी लोग फ्लोरिसिस बीमारी के शिकार हैं। जलनिगम की ओर से पानी की जांच में इसकी पुष्टि हुई है यहाँ के लोग फ्लोरिसिस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं गाँव के लोगों के दांत खराब होने के साथ शरीर के जोडों में दर्द की समस्या हो रही है 1500 आबादी के सापेक्ष 60 फीसदी लोग इस रोग से पीड़ित है। पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने से गाँव में बीमारी की सूचना पर सिकन्दरा एसडीएम ने गाँव में कैंप लगाकर हैंडपंप की जांच के कराने के बाद 15 हैंडपंप चिन्हित कराकर लाल निशान लगवाए थे और ग्रामीणों को दूषित पानी का सेवन न करने के लिए जागरूक कर ब्लॉक अफसरों को गाँव में टैंकरों के जरिये शुद्ध पेयजल आपूर्ति के निर्देश दिए थे। उसके वावजूद ब्लॉक अफसरों ने गाँव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं की है ऐसे में गाँव के लोग लाल निशान वाले हैंडपंपो से दूषित पानी का सेवन करने को मजबूर है। महमूदपुर गाँव के पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा पाई गई है। जल निगम की ओर से पानी की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। दूषित पानी की वजह से लोग फ्लोरिसिस बीमारी की चपेट में है। गाँव के युवा व बुजुर्ग हडडी व त्वचा रोग से पीड़ित है। जानकारी पर जल निगम के अफसरों ने महमूदपुर गाँव के हैंडपंपो के पानी की प्रयोगशाला में किट से जांच कराई। उसके बाद जिला परियोजना अनुश्रवण इकाई और जल निगम आईएसए एजेंसी ने 15 हैंडपंपो के पानी की जांच कराई जिसमें 15 हैंडपंपो का पानी नमूने में फेल हो गया। पानी में फ्लोराइड तय से अधिक मात्रा में पाया गया। जानकारी पर सिकन्दरा एसडीएम डाॅ पूनम गौतम ने गाँव में चौपाल लगाई और जल निगम की ओर से चिन्हित 15 हैंडपंपो में लाल निशान लगवाकर इन हैंडपंपो का पानी पीने में इस्तेमाल न करने के लिए जागरूक किया। साथ ही जल निगम और ब्लॉक अफसरों को गाँव में टैंकरों से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के निर्देश दिए। उसके वावजूद जिम्मेदार अफसरों ने गाँव में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं कराई है जिससे ग्रामीण फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर है। गाँव के रामप्रकाश ने बताया कि एसडीएम ने पानी के टैंकरों की व्यवस्था के निर्देश दिए थे उसके वावजूद ब्लॉक अफसरों ने पानी की व्यवस्था नहीं की है मजबूरन फ्लोराइड युक्त पानी का सेवन करने को मजबूर है। कुसमा देवी ने बताया कि गाँव में शुद्ध पानी के संसाधन नहीं है जल निगम की पाइपलाइन लीकेज है मजबूरी में दूषित पानी पीना पड रहा है। रेनू देवी ने बताया लाल निशान वाले हैंडपंप से पानी भरना मजबूरी है। गाँव के बाहर मंदिर के पास एक हैंडपंप का पानी शुद्ध बताया गया है हालांकि हैंडपंप दूर है मजबूर यही पानी इस्तेमाल करना पड रहा है। सत्यम कुमार ने बताया कि ग्राम प्रधान विवेक यादव का कहना है कि गाँव में चालीस साल पुरानी पाइपलाइन लीकेज है। जिससे गाँव में पानी की आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। गाँव के ज्यादातर हैंडपंपो में लाल निशान लगे हैं इक्का दुक्का हैंडपंप सही है वह लोगों के घरो के अंदर लगे हैं ऐसे में शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। ग्राम प्रधान विवेक यादव का कहना है ग्रामीण काफी समय से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद ब्लॉक प्रशासन और जल निगम आजतक ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का इंतजाम नहीं कर सका। जल निगम के जेई विजय यादव ने बताया कि पानी की टंकी से पेयजल आपूर्ति दी जाती है। लीकेज पाइपलाइन की मरम्मत कराई जा रही है समस्या जल्द ही दूर की जायेगी। इधर गाँव के पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा होने की जानकारी पर पिछले दिनों परियोजना अनुश्रवण इकाई व जल निगम की अनुश्रवण इकाई ने गाँव की सरोजनी देवी के नेतृत्व में 5 महिलाओं का समूह गठित कर पानी की जांच के लिए 5 किट भी मुहैया करायी थी। सरोजनी देवी ने बताया कि 100 घरों के पानी की जांच की थी। अधिकांश हैंडपंपो के पानी का नमूना जांच में फेल हो गया। उन्होंने बताया कि गाँव के राजाराम व कैलाश नाथ के घर के अंदर बने कुएं का पानी की भी जांच की गई राजाराम के घर के बाहर स्थित कुए का पानी भी दूषित पाया गया है।