न्यूज़ एक्सपर्ट—
प्रयागराज। आगरा जिले के “पुलिस विभाग” में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत अरुण सिंह व अन्य के विरुद्ध ट्रकों से पैसे वसूली करने के आरोप में 7/13 भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा थाना कागारौल, आगरा में पंजीकृत कराए जाने पर हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने पर पुलिस दंड एवं अपील नियमावली के नियम 14 (1) के अंतर्गत याची को नोटिस जारी कर आरोप पत्र प्रेषित किया। याची की ओर से निलंबन आदेश व आरोपपत्र के विरुद्ध हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की गई । याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने मा. न्यायमूर्ति अजीत कुमार के समक्ष बहस में बताया की शिकायतकर्ता ने झूठा आरोप लगाते हुए याची के ऊपर *एसएसपी, आगरा प्रभाकर चौधरी* के निर्देश पर मुकदमा दर्ज करा दिया था जबकि शिकायतकर्ता की ट्रक का चालान याची के थाना क्षेत्र में हुआ था बाद में शिकायतकर्ता ने भी अपने दिए गए शपथ पत्र में कहा कि गुस्से में आकर याची व अन्य के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करा दिया था ।याची ने कोई भी पैसा नहीं मांगा ।याची की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि आपराधिक कार्यवाही में आज तक चार्जशीट नही लगी और विभागीय कार्रवाई की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय एम पॉल एंथोनी बनाम भारत गोल्ड माइंस लिमिटेड व UP Police regulation में स्पस्ट कहा है कि अनुशासनात्मक अथॉरिटी को आपराधिक मुकदमे के ट्रायल के निर्णय आने तक कार्यवाही का इंतजार करना चाहिए ।जिस पर माननीय न्यायालय ने अनुशासनात्मक अथॉरिटी के समक्ष एक प्रत्यावेदन देने का निर्देश दिया है और विभागीय कार्यवाही पर रोक लगाते हुए चार्जशीट पर 1 महीने में निर्णय लेने का आदेश पारित किया।